Thursday, June 13, 2013

हो रहा है भारत निर्माण (By Aditya Kumar Rana)


हो रहा मातृशक्ति का शोषण
चहुँ दिश फैला घोर  कुपोषण
एक दूजे पर दोषारोपण 
व्यथित है जन गण मन के प्राण
                     हो रहा है भारत निर्माण । 

मचा है भारत में संग्राम
घटित है घोटाले अविराम
क्या होगा भारत का अंजाम
जहाँ हो केवल व्यंग्य बाण
                   हो रहा है भारत निर्माण | 
पाञ्चजन्य अब कही खो गया
नेता शंख ढपोर हो गया
वाक् युद्ध में निपुण हो गए
भारत अब लगता है भाड़
                   हो रहा है भारत निर्माण । 

अर्थ अनर्थ हुआ रखा है
महंगाई का ही धक्का है
हर कोई हक्का बक्का है
गिर रहा है रुपये का मान
                 हो रहा है भारत निर्माण । 

जितने भी शासक भावी है
 सब के सब चेहरे दागी है
सीमा पर मुंड कलम होते
भारत में बनते है शमशान
                    हो रहा है भारत निर्माण । 

अपना शाशक ही मूक हुआ
लगता है भारत चूक गया
अबकी बार उसी को मौका दो
हो जिसके शोणित में जान
                     हो रहा है भारत निर्माण ।